कॉकरोच का पाचन तंत्र
कॉकरोच एक अंग्रेजीमें कॉकरोच (Cockroach) नामक कीट है जो काफी समय से हमारे आसपास मौजूद हैं। कॉकरोच का पाचन तंत्र एक परिस्थिति के अनुसार बदल सकता है, लेकिन बहुतंत्र अवधिक प्रकार से इनका पाचन तंत्र निम्नलिखित है:
1.बुआई और अंकुरण (Reproduction and Embryonic Development): कॉकरोच का जीवन चक्र शुरू होता है जब एक सम्मुख पुरुष और महिला कॉकरोच संयुक्त रूप से बूँदबूँदे डालते हैं जो अंकुरित होकर नए कॉकरोच की शुरुआत करती हैं।
बुआई (Mating): कॉकरोच की बुआई पुरुष और महिला कॉकरोच के बीच होती है। बुआई के लिए पुरुष और महिला कॉकरोच एक-दूसरे की खोज करते हैं। पुरुष फेरोमों का उपयोग करके महिलाओं को आकर्षित करने का प्रयास करते हैं। बुआई के बाद, महिला कॉकरोच गर्भधारण करती है और उसे अंकुरित करने के लिए अंडों को ठंडे स्थानों पर रखती है।
अंकुरण (Embryonic Development): महिला कॉकरोच के अंडे खोदकर रखे जाते हैं, जो उसके शरीर के निकट बोझ में होते हैं। इन अंडों का समूह कोठरी कहलाता है। अंडे की गोली में एक नया कॉकरोच विकसित होता है।
नौजवान कॉकरोच (Nymphs): अंडों से निकलने वाले नौजवान कॉकरोच को निम्फ कहा जाता है। ये नौजवान कॉकरोच बड़े होने के लिए कई मोल्टिंग (लार्वा की तरह होती है) के माध्यम से गुजरते हैं जो उनके शरीर को बदलते हैं। इसके बाद, वे पूर्णवयस्क कॉकरोच बनते हैं।
कॉकरोच की इस प्रक्रिया में, अंकुरण और नौजवानी के चरणों के माध्यम से वे अपनी प्रजाति को बनाए रखते हैं और उनका पुनर्जीवन चक्र चलता रहता है। यह उन्हें विभिन्न पर्यावरणों में सफलता से जीने की क्षमता प्रदान करता है
2.लार्वा (Nymph): नए कॉकरोच को लार्वा कहा जाता है, जो अंकुरण के बाद निकलता है। इस चरण में, लार्वा बहुतंत्र बनता है और कई मोल्टिंग (हमयोलिसिस) प्रक्रियाओं के माध्यम से बड़ा होता है। यह मोल्टिंग प्रक्रिया, जिसे नाइएसिस (nymphal instars) कहा जाता है, नौजवानी कॉकरोच की बढ़ती उम्र को दर्शाती है। लार्वा को मोल्ट होने के बाद नौजवानी या युवा कॉकरोच बनता है।
नौजवानी (Youth): नौजवानी चरण में, कॉकरोच अभी भी बच्चा होता है, लेकिन यह पूर्णवयस्कता की ओर बढ़ रहा है। इस चरण में, कॉकरोच का शरीर और पंजे और अंग बढ़ जाते हैं, और वह पुरुष और महिला कॉकरोच की बड़ी श्रृंगारी विशेषताएं बनाता है।
लार्वा और नौजवानी चरणें नौजवान कॉकरोच के विकास में महत्वपूर्ण हैं, जो पूर्णवयस्कता की दिशा में बढ़ते हैं। इस दौरान, कॉकरोच अपने पर्यावरण में उपचार्य बनते हैं और उनका आदान-प्रदान प्रजनन और उनकी जीवन चक्र में एक नया चरण शुरू होता है
3.कॉकरोच एक सर्वाहारी कीट होती है और विभिन्न प्रकार के आहार स्रोतों से खाना खाती है। इसका आहार विशेष रूप से उन जगहों से मिलता है जो बहुतंतुओं के लिए आसान पहुंच योग्य होती हैं।
कॉकरोच के आहार और पाचन के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुएँ निम्नलिखित हैं:
खाद्य (Food): कॉकरोच विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को खाती है, जैसे कि अलग-अलग प्रकार के भूक्त पदार्थ, खाद्य, और या फिर मरे हुए कीटाणुओं।
पाचन प्रणाली (Digestive System): कॉकरोच का पाचन प्रणाली सिरस्ता जलवायु (aerobic) होता है। इसमें कई पाचन अंग शामिल होते हैं जो आहार को ग्रासित करते हैं और पोषण अर्जित करने में मदद करते हैं।
मुंह और पाचन (Mouth and Digestion): कॉकरोच के मुंह में एक पेस्ट जैसा प्रणाली होती है जो उसके खाद्य को छोटे टुकड़ों में काट लेती है। इसके बाद, पाचन अंगों में खाद्य को पिघला दिया जाता है और उससे पोषण प्राप्त होता है।
आहार की पसीन (Excretion of Food Residues): अशुद्धियों को अलग करने के लिए, कॉकरोच की प्रणाली में एक विशेष प्रक्रिया होती है जिसे पसीन कहा जाता है। इसमें अशुद्धियाँ और अनावश्यक खनिज पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाता है।
कॉकरोच का आहार अधिकतर विभिन्न प्रकार के सुटील और विषैले पदार्थों पर निर्भर करता है, और इसे इसकी सफल जीवनशैली के लिए एक अनुकूल बनाए रखने में मदद करता है।
4.पाचन प्रणाली (Digestive System): कॉकरोच का पाचन प्रणाली सिरस्ता जलवायु (aerobic) होता है और उसमें अलग-अलग पाचन अंग (digestive glands) शामिल होते हैं। यह जीवाणुओं और अन्य कच्चे आहार को पाचित करने में मदद करता है।
कॉकरोच की पाचन प्रणाली सिरस्ता जलवायु (aerobic) होती है और यह इसके आहार को पिघलाने और पोषण को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का समूह है। यहां कॉकरोच की पाचन प्रणाली के मुख्य अंगों का विवरण है:
मुंह (Mouth): कॉकरोच का मुंह एक चाकू-आकार का होता है जो उसके आहार को काटने और छोटे टुकड़ों में विभाजित करने में मदद करता है।
सलाई दंत (Maxillary Palps): कॉकरोच के मुंह के पास मैक्सिलरी पैल्प्स नामक छोटे दंत होते हैं जो आहार को छूने और मुंह में ले लेने में मदद करते हैं।
पेस्ट प्रणाली (Gastric Caeca): कॉकरोच के पाचन प्रणाली में पेस्ट प्रणाली होती है, जो उसकी आंतों का एक हिस्सा है। यह आहार को छोटे टुकड़ों में विभाजित करने और पिघलाने के लिए पाचनीय एन्जाइम्स प्रदान करती है।
पेस्टयोड (Pestode): पेस्ट प्रणाली के बाद, कॉकरोच का आंतराळ में पेस्टोड होता है जो पोषण को और भी बढ़ाने में मदद करता है।
पैली (Pylus): पेस्टोड के बाद, पैली नामक एक अंश होता है जो आंतों की बाहरी दीवार में स्थित है और जिससे आंतों से अवशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं।
आणु (Gut): आंतों का पूरा तंत्र आणु कहलाता है, और यह आंतों के माध्यम से पोषण को उचित स्थान पर पहुंचाता है।
कॉकरोच की पाचन प्रणाली में विभिन्न अंग होते हैं जो आहार को छोटे टुकड़ों में काटने, पिघलाने, और पोषण करने में सहायक होते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें उच्च शक्ति और पोषण प्रदान करने में सक्षम बनाए रखती है, जिससे वे विभिन्न पर्यावरणों में आसानी से जीवित रह सकते हैं।