नेचुरल किलर सेल - प्राकृतिक हत्यारा कोशिका
प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ (एनके कोशिकाएँ) क्या हैं
नैचुरल किलर सेल्स या प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ, एक प्रकार की विशेष प्रकार की लेकोसाइट्स (WBCs) हैं जो शरीर की रोगाणुओं या असमान्य कोशिकाओं को मारने में मदद करती हैं। ये कोशिकाएँ शरीर की स्वास्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और नैचुरल इम्यून सिस्टम का हिस्सा होती हैं।
नैचुरल किलर सेल्स रोगाणुओं या कैंसर को मारने में सहायक हो सकती हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करके शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती हैं।
प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ क्या करती हैं?
प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ (नैचुरल किलर सेल्स) एक विशिष्ट प्रकार की लेकोसाइट्स हैं जो शरीर के इम्यून सिस्टम का हिस्सा हैं। इनकी प्रमुख कार्यावली में निम्नलिखित शामिल है:
1.रोगाणुओं और कैंसर को मारना: प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ शरीर को रोगाणुओं, विषाणुओं, और कैंसर की संजीवनी में मदद करती हैं। इन्हें असमान्य और संक्रमित कोशिकाओं को पहचानने और मारने की क्षमता होती है।
2.इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: नैचुरल किलर सेल्स इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती हैं, जिससे शरीर को बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
3.अप्रतिकूल्य प्रतिरक्षा: ये कोशिकाएँ तत्परता से कार्रवाई करती हैं और इम्यून सिस्टम की अप्रतिकूल्य प्रतिरक्षा में मदद करती हैं, जिससे शरीर को बाहरी कठिनाइयों से निपटने में सहायक होती हैं।
4.स्वस्थ ऊतकों का समर्थन: नैचुरल किलर सेल्स भी स्वस्थ ऊतकों को बचाने में मदद करती हैं और शरीर की स्वस्थता बनाए रखने में योगदान करती हैं।
कृतिक हत्यारी कोशिकाएँ (नैचुरल किलर सेल्स) प्रतिरक्षा प्रणाली में कई तरीकों से काम करती हैं:
1.रोगाणु और असमान्य कोशिकाओं को मारना: नैचुरल किलर सेल्स की प्रमुख क्रिया यह है कि वे रोगाणुओं, विषाणुओं, और अन्य असमान्य कोशिकाओं को पहचानती हैं और उन्हें मारने का प्रयास करती हैं। इससे इम्यून सिस्टम को बाहरी कठिनाइयों से निपटने में मदद मिलती है।
2.विषाणु और रोगाणु नष्ट करना: ये कोशिकाएँ अन्य इम्यून सेल्स के साथ मिलकर विषाणु और रोगाणुओं को नष्ट करने में मदद करती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं।
3.इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: नैचुरल किलर सेल्स इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती हैं, जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
4.ऑटोइम्यून रोगों का सामना करना: ये कोशिकाएँ शरीर को अपने ही कोशिकाओं और ऊतकों से होने वाले हानिकारक प्रतिक्रियाओं से बचाने में मदद कर सकती हैं, जिससे ऑटोइम्यून रोगों का सामना करने में सहायक होती हैं।
इसके अलावा, ये कोशिकाएँ भी स्वस्थ ऊतकों की संरक्षण करने और शरीर को बाहरी कठिनाइयों से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।
नैचुरल किलर सेल्स शरीर के विभिन्न हिस्सों में मौजूद होती हैं। ये कोशिकाएँ अधिकतर रक्त, बोन मैरो, लाइम्फ नोड्स, और स्प्लीन में पाई जाती हैं। इन्हें इम्यून सिस्टम के साथी रक्षक के रूप में उपस्थित किया जाता है, ताकि वे शरीर को बीमारियों और इन्फेक्शन्स से लड़ने में सहायक हो सकें।
इसके अलावा, ये कोशिकाएँ अन्य ऊतकों में भी हो सकती हैं, जैसे कि ब्रेन, किडनी, और लीवर। इन्हें बॉडी के सभी भागों में तात्कालिक आवश्यकता के हिसाब से बढ़ाया जा सकता है।
मानव शरीर में प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ कई होती हैं, लेकिन इसकी सटीक संख्या निर्धारित करना कठिन है क्योंकि यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और अन्य कारकों पर निर्भर करती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लाखों नैचुरल किलर सेल्स हो सकती हैं।
आमतौर पर, ये कोशिकाएँ रक्त, बोन मैरो, लाइम्फ नोड्स, स्प्लीन, और अन्य इम्यून सिस्टम के हिस्सों में पाई जाती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य शरीर को रोगाणुओं, असमान्य कोशिकाओं और कैंसर से लड़ने में मदद करना है।
प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाओं से जुड़ी स्थितियाँ और विकार क्या हैं?
प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ या नैचुरल किलर सेल्स की स्थितियाँ और विकार विभिन्न हो सकते हैं और इसके कई कारण हो सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख स्थितियाँ और विकार हैं:
1.Immunodeficiency Disorders (प्रतिरक्षा क्षमता की कमी): किसी व्यक्ति की इम्यून सिस्टम में कमी होने से, प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ समर्थन में कमी हो सकती है और व्यक्ति अनेक प्रकार की संक्रमणों से ज्यादा प्रभावित हो सकता है।
2.कैंसर: कुछ कैंसरों में नैचुरल किलर सेल्स की क्षमता कम हो सकती है, जिससे कैंसर की गति बढ़ सकती है।
3.आइएम्यून सिस्टम के अधिक प्रतिक्रिया (ऑटोइम्यून रोग): अगर इम्यून सिस्टम अपने ही स्वास्थ्य के ऊतकों को मान्यता नहीं देता है और उन्हें हमला करता है, तो इसे ऑटोइम्यून रोग कहा जाता है।
4.हाइपरइम्यूनिटी या सिस्टेमिक इम्यूनिटी सिन्ड्रोम (SIS): इस स्थिति में इम्यून सिस्टम अत्यधिक सक्रिय हो जाता है और नैचुरल किलर सेल्स को भी हमला कर सकता है, जिससे शरीर में संघटन हो सकता है।
प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाओं को कई स्थितियाँ और विकार प्रभावित कर सकती हैं. यहां कुछ मुख्य कारक हैं:
1.इम्यून सिस्टम की कमी (Immunodeficiency Disorders): इम्यून सिस्टम की कमी विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे कि गैर-साधारित गर्भधारण, अच्छी तरह से खानपान न करना, या अन्य मेडिकल कंडीशन्स। इससे प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ सही रूप से कार्रवाई नहीं कर सकतीं हैं।
2.कैंसर: कुछ कैंसरों के इलाज के दौरान या कैंसर के कुछ प्रकारों में, इम्यून सिस्टम की क्षमता कम हो सकती है, जिससे प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ कमजोर हो सकती हैं।
3.ऑटोइम्यून रोग: ऑटोइम्यून रोगों में इम्यून सिस्टम अपने ही ऊतकों को मान्यता नहीं देता है और उन्हें हमला करता है, जिससे प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाएँ अधिक हो सकतीं हैं।
4.कार्डियवास्कुलर बीमारियाँ: कुछ कार्डियवास्कुलर बीमारियाँ, जैसे कि डायबिटीज और हार्ट डिजीज, प्राकृतिक हत्यारी कोशिकाओं को प्रभावित कर सकती हैं।
ये हैं कुछ उदाहरण, लेकिन व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति पर इसका असर हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को इन स्थितियों का संदेह है, तो उन्हें चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
अतिरिक्त सामान्य प्रश्न
Q.नेचुरल किलर सेल कैसे काम करती है?
Ans.प्राकृतिक हत्यारी (एनके) कोशिकाएं असामान्य कोशिकाओं, जैसे कि वायरल रूप से संक्रमित और ट्यूमरजेनिक कोशिकाओं को लक्षित करती हैं और मार देती हैं। हत्या साइटोटोक्सिक अणुओं द्वारा मध्यस्थ होती है जो एनके कोशिकाओं में पाए जाने वाले एक विशेष एक्सोसाइटिक ऑर्गेनेल, स्रावी लाइसोसोम के भीतर संग्रहीत होते हैं।
Q.एनके सेल कितना बड़ा होता है?
Ans.एनके कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक फंसाने के लिए, जो कि अधिकांश ऊतक-संवर्धित कोशिकाओं (12-15 माइक्रोन व्यास) के आकार के सापेक्ष छोटी ( 6-7 माइक्रोमीटर व्यास ) हैं, एकल एनके कोशिकाओं को पकड़ने के लिए सेल-ट्रैप आकार को अनुकूलित किया गया था
nive
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