कुत्तों में श्वसन संबंधी बीमारियाँ विकारों का परिचय
कुत्तों में श्वसन संबंधी बीमारियाँ विकारों
1.श्वसन संबंधी संक्रमण (Respiratory Infections):
- बकासुर, ब्रोंकाइटिस, और प्नेयमोनिया जैसी संक्रमणें श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकती हैं।
2.कानपूँजी बढ़ना (Tracheal Collapse):
- यह एक सामान्य श्वसन समस्या है जिसमें श्वसन तंतु (trachea) की बढ़नी हो जाती है, जिससे श्वसन में कठिनाई होती है।
3.एस्थमा (Asthma):
- कुछ कुत्तों को वायुमंडल में धूल और अन्य कणों के कारण एस्थमा हो सकता है, जिससे उनकी श्वसन में समस्याएं हो सकती हैं।
4.एलर्जीज़ (Allergies):
- बाह्यकणों या आहार से उत्पन्न होने वाली एलर्जीज़ कुत्तों में श्वसन समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
5.श्वसन के नाली में विकृति (Anomalies in the Respiratory Tract):
- कुछ कुत्तों में श्वसन के नाली में विकृतियाँ हो सकती हैं, जैसे कि सिंड्रोमिक श्वसन सिंड्रोम।
6.हृदय रोग (Cardiac Issues):
- कुछ हृदय संबंधी समस्याएं भी श्वसन में कठिनाई पैदा कर सकती हैं।
7.सुस्त श्वसन (Brachycephalic Airway Syndrome):
- ब्रैकीसेफेलिक ब्रीड्स जैसे कुछ कुत्तों में श्वसन की समस्या हो सकती है क्योंकि उनकी श्वसन पथरी छोटी होती है।
8.कैंसर (Cancer):
- श्वसन संबंधी बीमारियों के अलावा, कुछ कुत्तों में श्वसन में कठिनाई का कारण कैंसर भी हो सकता है।
कुत्ते को श्वसन संबंधी समस्याओं की सही जानकारी और तत्पर निगरानी के साथ वेटरिनर से चेकअप कराना चाहिए ताकि सही निदान और उपचार की व्यवस्था की जा सके।
ऊपरी श्वसन पथ और निचले श्वसन पथ के बीच अंतर
ऊपरी श्वसन पथ और निचले श्वसन पथ के बीच अंतर मुख्यतः श्वसन तंतु (trachea) और निचली श्वसन पथ के प्रमुख हिस्से में होता है। इन दोनों मुख्य श्वसन पथों में अंतर कई कारणों से हो सकता है:
1.श्वसन तंतु (Trachea):
- ऊपरी श्वसन पथ, जिसे श्वसन तंतु भी कहा जाता है, हवा को फेफड़ों की ओर ले जाता है। यह एक तंतुमय नली होती है जो हलकी और गुदड़ी होती है, और इसमें हलके सरके होते हैं जो श्वसन को सहारा देने में मदद करते हैं।
2.ब्रॉन्काइ (Bronchi) और ब्रॉन्काइल्स (Bronchioles):
- श्वसन तंतु फेफड़ों में दो भागों में विभाजित होता है जिससे ब्रॉन्काइ नामक दो शाखाएं बनती हैं। ये शाखाएं फेफड़ों की गहराईयों में जाकर ब्रॉन्काइल्स में बदल जाती हैं।
3.अंधकोष (Alveoli):
- ब्रॉन्काइल्स फेफड़ों की सबसे छोटी शाखाओं में बदलती हैं और अंधकोष में समाप्त होती हैं। अंधकोष छोटे गोलाकार स्त्रोतियाँ हैं जो ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के विनिमय के लिए जिम्मेदार होती हैं।
इन सभी संरचनाओं में श्वसन के दौरान विभिन्न क्रियाएं होती हैं, जो सही स्वसन प्रक्रिया को संचालित करती हैं। ऊपरी श्वसन पथ का मुख्य कार्य हवा को श्वसन तंतु में पहुंचाना है, जबकि निचले श्वसन पथ आंतरफल्कीय संरचनाओं में बदलकर ऑक्सीजन को रक्त से युक्त करने में मदद करता है।
सामान्य कुत्ते की श्वसन संबंधी बीमारियाँ और संक्रमण
सामान्यत: कुत्तों में कई प्रकार की श्वसन संबंधी बीमारियाँ और संक्रमण हो सकते हैं। यहां कुछ सामान्य कुत्तों की श्वसन संबंधी बीमारियाँ और संक्रमण हैं:
1.कुत्तों का कासला (Canine Cough):
- यह एक सामान्य संक्रमण है जिसे बोर्डेटेला ब्रोंशिसेप्टिका बक्टीरिया और पैराइन्फ्ल्यूज़ा वायरस से होता है। यह बीमारी खासकर समूह में रहने वाले कुत्तों के बीच होती है, जैसे कि नर्सरीज, डॉग केनेल, और अन्य ऐसी जगहें जहां कई कुत्ते एक साथ रहते हैं।
2.प्नेयमोनिया (Pneumonia):
- यह एक गंभीर संक्रमण है जिसमें फेफड़ों में सूजन और तकलीफ होती है। यह वायरस, बैक्टीरिया, या फंगस से हो सकता है।
3.ब्रॉन्काइटिस (Bronchitis):
- यह श्वसन पथ की शिकंजीली भड़ास के कारण हो सकती है, जिससे श्वसन में कठिनाई होती है।
4.श्वसन संबंधी अनुयायिका (Brachycephalic Airway Syndrome):
- ब्रैकीसेफेलिक ब्रीड्स जैसे कुछ कुत्तों में श्वसन संबंधी समस्या हो सकती है क्योंकि उनकी श्वसन पथरी छोटी होती है।
5.एस्थमा (Asthma):
- कुछ कुत्तों को वायुमंडल में धूल और अन्य कणों के कारण एस्थमा हो सकता है, जिससे उनकी श्वसन में समस्याएं हो सकती हैं।
6.लुकोसाइटोज़ (Lungworm) संक्रमण:
- कुछ समय खुले में घास खाने वाले कुत्तों को लुकोसाइटोज़ संक्रमण हो सकता है, जिससे श्वसन में कठिनाई और विकृतियाँ हो सकती हैं।
7.ब्रॉन्कीटिक प्नेयमोनिया (Bronchopneumonia):
- यह ब्रॉन्काइल्स और प्नेयमोनिया के समय होने वाली एक संयोजन है जिससे श्वसन पथ में सूजन और तकलीफ हो सकती है।
8.इंटरस्टिशियल प्नेयमोनिया (Interstitial Pneumonia):
- यह एक गंभीर प्नेयमोनिया की प्रकार है जिसमें फेफड़ों के बीच में सूजन होती है।
कुत्तों को सामान्यत: श्वसन संबंधी समस्याओं से बचाव के लिए सचेत रखना चाहिए, और यदि कोई श्वसन समस्या आती है, तो तुरंत एक वेटरिनर से सलाह लेना चाहिए
कुत्तों के फेफड़े और वायुमार्ग संबंधी विकारों के कारण
कुत्तों में फेफड़ों और वायुमार्ग संबंधी विकारों कई कारणों से हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण और विकारों का उल्लेख है:
1.ब्रॉन्काइटिस (Bronchitis):
- ब्रॉन्काइटिस एक स्वस्थ श्वसन पथ की शिकंजीली भड़ास के कारण हो सकती है, जिससे श्वसन में कठिनाई और उच्चाधिक श्वसन कफ हो सकता है।
2.श्वसन संबंधी संक्रमण (Respiratory Infections):
- विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण कुत्तों में फेफड़ों और वायुमार्ग को प्रभावित कर सकते हैं और श्वसन में तकलीफ पैदा कर सकते हैं।
3.कासला (Kennel Cough):
- यह एक संक्रमण है जो बोर्डेटेला ब्रोंशिसेप्टिका बैक्टीरिया और पैराइनफ्लुएंजा वायरस से होता है, जिससे श्वसन में छाने और उच्चाधिक कफ की समस्या हो सकती है।
4.ब्रॉन्कीटिक प्नेयमोनिया (Bronchopneumonia):
- यह ब्रॉन्काइल्स और प्नेयमोनिया के समय होने वाली एक संयोजन है, जिससे श्वसन में सूजन और तकलीफ हो सकती है।
5.कुचली संक्रमण (Aspergillosis):
- यह एक फंगल संक्रमण है जो कुत्तों के श्वसन पथ को प्रभावित कर सकता है, जिससे श्वसन में छाने और उच्चाधिक कफ की समस्या हो सकती है।
6.ब्रॉन्कीटिक एस्पैरेटिसन (Bronchial Aspiration):
- कभी-कभी, कुत्ते अपनी खाने को गले में फंसा लेते हैं, जिससे उनमें ब्रॉन्कीटिस और श्वसन समस्याएं हो सकती हैं।
7.श्वसन पथ की शिकंजीली विकृति (Tracheal Collapse):
- यह एक स्थिति है जिसमें श्वसन तंतु की शिकंजीली भड़ास में कमजोरी होती है और श्वसन में कठिनाई हो सकती है।
8.कैंसर (Cancer):
- फेफड़ों में और श्वसन पथ में कैंसर विकारों के कारण श्वसन में समस्याएं हो सकती हैं।
किसी भी श्वसन संबंधी समस्या के लिए, विशेषज्ञ वेटरिनरी सलाह लेना महत्वपूर्ण है ताकि सही निदान और उपचार की योजना बनाई जा सके।
कुत्तों के फेफड़े और वायुमार्ग संबंधी विकारों का निदान
कुत्तों के फेफड़े और वायुमार्ग संबंधी विकारों का निदान करने के लिए वेटरिनरी चिकित्सा उपकरण और प्रक्रियाएं कारगर होती हैं। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य तकनीकें और प्रक्रियाएं:
1.रोगी का परीक्षण (Physical Examination):
- वेटरिनरी चिकित्सक पहले ही रोगी का सम्पूर्ण परीक्षण करेगा, जिसमें श्वसन प्रणाली की जाँच शामिल होगी।
2.रेंज ऑफ़ मोशन टेस्ट (Range of Motion Test):
- वेटरिनरी चिकित्सक फेफड़ों की जाँच के लिए कुछ गर्मी और स्थानीय चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि रेंज ऑफ़ मोशन टेस्ट।
3.श्वसन पथ चित्रलेखन (Radiography of the Respiratory Tract):
- रेंटजन (X-rays) या कंप्यूटेड टॉमोग्राफी (CT) की मदद से वेटरिनरी चिकित्सक श्वसन पथ का चित्रलेखन कर सकते हैं जिससे कुत्ते के फेफड़ों और वायुमार्ग की स्थिति का निदान किया जा सकता है।
4.श्वसन पथ का समीक्षा (Endoscopy of the Respiratory Tract):
- इस प्रक्रिया में, एक सुविधा का उपयोग करके वेटरिनरी चिकित्सक श्वसन पथ की अंदरूनी स्थिति का निदान कर सकते हैं।
5.श्वसन फ्लॉयमेट्री (Pulmonary Function Testing):
- इस प्रक्रिया में, श्वसन क्षमता का मूल्यांकन किया जा सकता है, जो श्वसन संबंधी समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है।
6.खून की जाँच (Blood Tests):
- कुछ श्वसन संबंधी बीमारियों का निदान करने के लिए वेटरिनरी चिकित्सक रक्त परीक्षण कर सकते हैं, जो इंफेक्शन या अन्य समस्याओं की सूची देता है।
7.ब्रॉन्कोस्कोपी (Bronchoscopy):
- इस प्रक्रिया में, एक ब्रॉन्कोस्कोप का उपयोग करके श्वसन पथ की अंदरूनी स्थिति का और अधिक विस्तार से निरीक्षण किया जा सकता है।
8.पथोलॉजी (Biopsy) का परीक्षण:
- किसी संदिग्ध बीमारी की स्थिति में, वेटरिनरी चिकित्सक टिश्यू के टुकड़े को जाँचने के लिए बायोप्सी का अनुरोध कर सकते हैं।
इन प्रक्रियाओं का संयोजन करके, वेटरिनरी चिकित्सक कुत्ते के फेफड़ों और वायुमार्ग संबंधी समस्याओं का सही निदान कर सकते हैं और सुरक्षित और प्रभावी उपचार का सुझाव दे सकते हैं।
कुत्तों के श्वसन स्थितियों का नियंत्रण
कुत्तों के श्वसन स्थितियों का नियंत्रण करने के लिए आप निम्नलिखित कदमों को ध्यान में रख सकते हैं:
1.स्वच्छता बनाए रखें:
- अपने कुत्ते को स्वच्छ रखने में मदद करने के लिए नियमित इंटरवैल्स पर उनकी बालों को साफ करें। इससे श्वसन यातायात में कोई बाधा नहीं होगी और श्वसन तंतु स्वस्थ रहेगी।
2.व्यायाम:
- कुत्ते को नियमित व्यायाम करने का अवसर दें, क्योंकि यह उनके श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
3.ब्रीड का ध्यान रखें:
- ब्रीड के अनुसार उचित देखभाल प्रदान करें, खासकर ब्रैकीसेफेलिक ब्रीड्स को जिनमें श्वसन पथरी का खतरा अधिक होता है।
4.धूल और धुआं से बचाव:
- कुत्तों को धूल, धुआं, और अन्य वायुमंडल प्रदूषण से बचाने के लिए अंदर रखने का प्रयास करें।
5.दूध और दैहिक स्वास्थ्य की देखभाल:
- अपने कुत्ते का सामान्य स्वास्थ्य देखने के लिए नियमित चेकअप करवाएं और उन्हें आपके वेटरिनर के साथ विशेषज्ञ सलाह के लिए लेकर जाएं।
6.अत्यधिक तापमान या ठंडाई से बचें:
- अगर आपके क्षेत्र में अत्यधिक तापमान या ठंडाई है, तो अपने कुत्ते को इन अवस्थाओं से बचाने के लिए सुरक्षित रखें।
7.उचित आहार:
- उचित पौष्टिक आहार के माध्यम से अपने कुत्ते के श्वसन स्वास्थ्य को सुनिश्चित करें।
8.वैक्सिनेशन:
- अपने कुत्ते को सभी आवश्यक टीकों से अच्छी तरह टीकित कराएं, जिससे उन्हें संक्रमण से बचाव हो।
यदि आपका कुत्ता किसी श्वसन समस्या से गुजर रहा है, तो तुरंत एक पेट वेटरिनर से मुलाकात कराएं ताकि सही निदान और उपचार किया जा सके।
कुत्तों के फेफड़े और वायुमार्ग संबंधी विकारों का सामान्य उपचार
कुत्तों के फेफड़ों और वायुमार्ग संबंधी विकारों का उपचार वेटरिनरी चिकित्सा के आधार पर होता है, और यह उपचार रोग के प्रकार, गंभीरता, और कुत्ते की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। निम्नलिखित कुछ सामान्य उपचार तकनीकें हो सकती हैं:
1.औचित्य समीक्षा (Diagnostic Evaluation):
- वेटरिनरी चिकित्सक समस्या की सही पहचान के लिए औचित्य समीक्षा करेगा, जो श्वसन प्रणाली की स्थिति को निर्धारित करने में मदद करती है। इसमें रेंटज, ब्लड टेस्ट, और अन्य डायग्नॉस्टिक टेस्ट्स शामिल हो सकते हैं।
2.दवाइयों का उपयोग (Medication):
- वेटरिनरी चिकित्सक उचित दवाओं का चयन करेंगे जो श्वसन संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, एंटीइंफ्लेमेटरी दवाएं, और ब्रॉन्कोडाइलेटर्स।
3.वायुमार्ग शिकंजीली समस्याएं (Airway Conditions) का प्रबंधन:
- ब्रॉन्कोडाइलेटर्स और डिकोंजेस्टेंट्स का उपयोग किया जा सकता है जो श्वसन मार्ग को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
4.आदतें बदलना और सुपोर्टिव केयर:
- कुत्ते की आदतें और रहने के स्थान को समीक्षा करना महत्वपूर्ण है। सहारा और समर्थन के लिए सही आदतें बदलना और सावधानी बरतना उपचार में मदद कर सकता है।
5.सर्जरी (Surgery):
- कुछ मामलों में, वायुमार्ग संबंधी समस्याओं के लिए सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है, जैसे कि श्वसन पथ में विकृतियों का सुधारना।
6.रोग के नियंत्रण और प्रबंधन (Disease Control and Management):
- कुछ विशिष्ट बीमारियों को नियंत्रित करने और प्रबंधन के लिए उपायों की जानकारी और सुझाव प्रदान किया जाएगा, ताकि विकार को बढ़ने से रोका जा सके।
वेटरिनरी चिकित्सक की सलाह पर ही कुत्तों के फेफड़ों और वायुमार्ग संबंधी समस्याओं का सही उपचार किया जा सकता है, और विशेषज्ञ उपायों के लिए गाइडेंस प्रदान करेगा।
कुत्तों में केनेल खांसी
केनेल खांसी (Kennel Cough) कुत्तों के बीच संक्रमण का एक सामान्य कारण है और यह एक उच्चतम संक्रमण रोग है जो उनकी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह संक्रमण आमतौर पर व्यापक रूप से कुत्तों के बीच में समृद्ध होता है, विशेषकर जब कई कुत्ते एक ही स्थान पर रहते हैं, जैसे कि केनेल या डॉग डे केयर सेंटर।
1.केनेल खांसी के लक्षण:
- खासी और उबकाई
- नाक से सफेद या पीला तरल
- आँखों से निकलने वाली कणों के साथ आंसू
- कुत्ते की आवाज में बदलाव
- श्वसन में कठिनाई और तेज़ श्वसन
2.केनेल खांसी का उपचार:
3.आराम और आवाज़:
- कुत्ते को आराम देना और अधिक आवाज़ से बचाव करना महत्वपूर्ण है।
4.अन्तीबायोटिक्स:
- अन्तीबायोटिक्स का उपयोग बैक्टीरियल इन्फेक्शन को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह केनेल खांसी का निदान करने के लिए सीधे नहीं किया जाता है, क्योंकि यह वायरसी संक्रमण भी हो सकता है।
5.कोफसीरप और दवाएं:
- कुत्ते को खांसी से राहत प्रदान करने के लिए कोफसीरप और अन्य सांत्वना प्रदान करने वाली दवाएं दी जा सकती हैं।
केनेल खांसी का निदान और उपचार
केनेल खांसी (Kennel Cough) का निदान और उपचार:
1. निदान (Diagnosis):
- वेटरिनरी चिकित्सक केनेल खांसी की डाग को सही से निदान करने के लिए विभिन्न उपायों का उपयोग कर सकता है। निम्नलिखित कुछ तकनीकें शामिल हो सकती हैं:
- क्लिनिकल इवैल्यूएशन: वेटरिनरी चिकित्सक आपके कुत्ते के लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और उसका श्वसन स्थिति को मूल्यांकित करेंगे।
- ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट के माध्यम से वेटरिनरी चिकित्सक इन्फेक्शन के मौजूद होने की पुष्टि कर सकते हैं।
- नाक और गले से नमूना: नाक और गले से नमूना लेकर लैबोरेटरी में जांच करके कोई इंफेक्शन दिखा जा सकता है।
2. उपचार (Treatment):
- केनेल खांसी का उपचार आमतौर पर घरेलू उपचार से शुरू हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में वेटरिनरी चिकित्सक की सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है।
- आराम और आत्म-सावधानी: कुत्ते को आराम देना और आवाज़ से बचाव करना महत्वपूर्ण है।
- अन्तीबायोटिक्स: यदि इंफेक्शन बैक्टीरियल है, तो अन्तीबायोटिक्स दिया जा सकता है।
- कोफसीरप और दवाएं: खांसी को नियंत्रित करने के लिए कोफसीरप और सांत्वना प्रदान करने वाली दवाएं ली जा सकती हैं।
- नमूना के आधार पर उपचार: नमूने की जांच के परिणामों के आधार पर वेटरिनरी चिकित्सक विशेष उपचार की सलाह दे सकते हैं।
- वैक्सीनेशन: यदि आपका कुत्ता ने व्यापक केनेल खांसी वैक्सीन को पहले से ही लिया है, तो उसे इस बीमारी का संरक्षण हो सकता है।
केनेल खांसी के इलाज की अवस्था आमतौर पर सूचनाओं की परीक्षा के आधार पर होती है, और विभिन्न मामलों में विभिन्न तरीकों से उपचार किया जा सकता है।
केनेल खांसी की रोकथाम
केनेल खांसी की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम शामिल हो सकते हैं:
1.वैक्सीनेशन:
- सबसे महत्वपूर्ण रोकथाम माध्यम है कुत्तों को केनेल खांसी वैक्सीन से अवधारित करना। वेटरिनरी चिकित्सक से विचार करें और आपके कुत्ते के लिए सबसे उपयुक्त वैक्सीन की योजना बनाएं।
2.हाइजीनिक उपाय:
- कुत्तों को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए हाइजीनिक उपायों का पालन करें। विशेषकर, केनेल या डॉग डे केयर सेंटर में रहने वाले कुत्तों के साथ संपर्क से पहले आपके कुत्ते की स्वच्छता का ध्यान रखें।
3.सूचना:
- केनेल या डॉग डे केयर सेंटर का चयन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यहां स्थानीय प्राधिकृतियों द्वारा मान्यता प्राप्त है और स्थानीय स्वास्थ्य और हाइजीनिक मानकों का पालन करता है।
4.विशेषज्ञ सलाह:
- अगर आपका कुत्ता खांसी के लक्षणों के साथ संपर्क करता है या ऐसा लगता है, तो तुरंत वेटरिनरी चिकित्सक से संपर्क करें और सलाह लें।
5.आदतें बदलें:
- अपने कुत्तों की सामाजिकी आदतों का ध्यान रखें, और अगर उन्हें किसी और कुत्ते के साथ सम्बोधित किया जा रहा है, तो खांसी रोगों की संभावना को ध्यान में रखें।
केनेल खांसी का वायरस बहुत संक्रामक हो सकता है, और वैक्सीनेशन केवल रोकथाम के रूप में कारगर है जब यह संभावना है कि कुत्ते किसी संक्रमित कुत्ते के साथ सम्बोधित हो सकते हैं।
कैनाइन डिस्टेंपर वायरस
कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (Canine Distemper Virus) एक पर्वाहनहीन और संक्रामक वायरस है जो कुत्तों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सबसे अधिक बच्चों और युवा कुत्तों को हमला करता है, लेकिन वयस्क कुत्तों को भी प्रभावित कर सकता है।
कैनाइन डिस्टेंपर वायरस के लक्षण:
खासकर आराम करने का इच्छा नहीं करना:
- कुत्ते में आराम करने का इच्छा नहीं करता है और बेहवियर में परिवर्तन हो सकता है।
नकारात्मकता या नीरासता:
- कुत्ते में उत्साह और खुशी में कमी हो सकती है, और वह नकारात्मक और नीरास हो सकता है।
आँखों में सूजन और आँसू:
- आँखों में सूजन, लालता, और आँसू निकल सकता है।
नकारात्मकता और गुस्सा:
- कुत्ते का व्यवहार बिगड़ सकता है और वह अधिक गुस्से वाला बन सकता है।
ऩकारात्मक ऩस्तिकता:
- गाले में छाले या घाव हो सकते हैं, जिन्हें नकारात्मक ऩस्तिकता कहा जाता है।
श्वसन संबंधी लक्षण:
- श्वसन में कठिनाई, छाती की चुटकुली, और श्वसन रोगों के लक्षण हो सकते हैं।
अद्भुत रूप से बदलता शौक:
- कुत्ते के शौक में अद्भुत परिवर्तन हो सकता है, और इसका उत्साह कम हो सकता है।
कैनाइन डिस्टेंपर वायरस के उपचार:
- कैनाइन डिस्टेंपर वायरस का विशेष उपचार नहीं है, लेकिन स्ट्रेस और सकारात्मक समर्थन के माध्यम से कुत्ते को लाभ मिल सकता है। वेटरिनरी चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, और उन्हें कुत्ते की स्थिति की सही जानकारी प्रदान करने के लिए कहा जाता है।
रोकथाम:
- सबसे महत्वपूर्ण रूप से, वैक्सीनेशन केनेल खांसी को और अन्य रोगों को रोकने में मदद कर सकती है। कुत्तों को समय पर और नियमित रूप से वैक्सीनेट करना बहुत महत्वपूर्ण है।