👉Flowering plants, also known as angiosperms, exhibit sexual reproduction through a complex process involving the formation of male and female reproductive organs, pollination, fertilization, and seed development. Here is an overview of sexual reproduction in flowering plants
1.पुष्प (Flower) का निर्माण: फूल पौधे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें वाणिज्यिक अंग होते हैं, जिनमें पुरुष और स्त्री लैंगिक अंग शामिल होते हैं।
2.पुरुष लैंगिक अंग (Male Reproductive Organs): पुरुष लैंगिक अंग अंडकोणिया (anther) और धाराण (filament) से मिलकर बनते हैं। अंडकोणिया में अंडकोणियों की सृष्टि होती है।
3.स्त्री लैंगिक अंग (Female Reproductive Organs): स्त्री लैंगिक अंग गर्भधारिणी (ovary), स्तूल (style), और संधि (stigma) से मिलकर बनते हैं। गर्भधारिणी में बीजनाशकों का विकास होता है।
4.परिपुल्लन (Pollination): पुरुष लैंगिक अंग से निकलने वाले पोलेन द्वारा स्त्री लैंगिक अंग की स्थिति को पहुंचने की प्रक्रिया को परिपुल्लन कहा जाता है। यह वायुमंडल, जल, या कीटाणुओं के द्वारा हो सकता है।
5.बुआई (Fertilization): पोलेन, स्त्री लैंगिक अंग के संधि (stigma) पर पहुंचने के बाद, अंडकोणिया से निकले अंडकोणियों के साथ मिलता है। इस प्रक्रिया को बुआई कहा जाता है।
6.बीजनाशक विकास (Seed Development): बुआई के पश्चात्, अंडकोणियों और पोलेन के मिलन से गर्भधारिणी में बीजनाशक बनता है जिससे बीज उत्पन्न होता है। यह बीज नए पौधों का निर्माण करता है
इस प्रकार, फूलों वाले पौधों में लैंगिक प्रजनन का प्रक्रिया संज्ञान में लाती है, जो पौधों के आगे के पीढ़ियों की ऊर्जा की नई श्रृंगारी उत्पन्न करती है।
फूल - एक रोमांचक अंगिओस्पर्म का अंग:
फूल, जिसे हम रोजमर्रा के जीवन में देखते हैं, एक आश्चर्यजनक और सुंदर अंगिओस्पर्म पौधों का हिस्सा है। इसका महत्वपूर्ण कारण है कि यह पौधों के लैंगिक प्रजनन की प्रक्रिया में भूमिका निभाता है और बीजनाशकों का निर्माण करता है।
1,रचना और संरचना: फूल की रचना बहुत संरचित होती है, जिसमें पुरुष और स्त्री लैंगिक अंग होते हैं। पुरुष लैंगिक अंग में अंथर और धाराण होते हैं, जबकि स्त्री लैंगिक अंग में गर्भधारिणी, स्तूल, और संधि होती हैं।
2.रंग और सुगंध: फूलों की विशेषता उनके रंग और सुगंध में है। यह विभिन्न प्रकार के पौधों को एक दूसरे से अलग बनाता है और पोलिनेटर्स को आकर्षित करता है।
3.परिपुल्लन (Pollination): फूल में पुरुष और स्त्री लैंगिक अंगों के मिलन के बिना प्रजनन संभव नहीं है। पोलिनेटर्स की मदद से परिपुल्लन होती है, जिससे अंडकोणियों और पोलेन का मिलन हो सकता है।
4.बीजनाशक और बुआई: फूल में बीजनाशकों का विकास और बुआई होती है। जब पोलेन अंडकोणियों से मिलता है, तो गर्भधारिणी में बीजनाशक बनता है और नये पौधों के लिए बुआई होती है।
फूल नहीं सिर्फ एक सुंदर दृश्य है, बल्कि यह पौधों के जीवन के आगे के पीढ़ियों की उत्पत्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अंग भी है।
👉पूर्व-बुआई, या बुआई से पहले की प्रक्रिया, एक पौधिक प्रजनन में महत्वपूर्ण अवधारणा है जो बीजनाशकों की उत्पत्ति से पहले होती है। यहां हिन्दी में पूर्व-बुआई की कुछ महत्वपूर्ण संरचनाएं और घटनाएं हैं:1.पोलिनेटेशन (Pollination): पूर्व-बुआई की प्रक्रिया पोलिनेटेशन से शुरू होती है, जिसमें पोलिनेटर्स जैसे कीटाणु, मेंढ़ा, या हवा, पौधों के बीजनाशकों के पोलेन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं।
2.स्तूल (Stigma): स्त्री लैंगिक अंग में स्तूल होता है, जो पोलिनेटेड पोलेन को स्वीकार करता है। यह एक महत्वपूर्ण स्थान है जहां पोलेन बाधित होता है।
3.गर्भधारिणी (Ovary): गर्भधारिणी, स्त्री लैंगिक अंग का एक हिस्सा, में अंडकोणियों का विकास होता है। जब पोलेन स्तूल पर पहुंचता है, तो यह गर्भधारिणी में प्रवेश करता है।
4.अंडकोणिया (Ovule): अंडकोणिया, जो गर्भधारिणी में स्थित होता है, बीजनाशक का निर्माण करता है। यह पोलिनेटेड पोलेन के साथ मिलता है और बीज की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5.पुरुष लैंगिक अंग (Male Reproductive Organs): पूर्व-बुआई में, पुरुष लैंगिक अंगों में पोलेन बनता है, जो पोलिनेटेड होकर स्त्री लैंगिक अंगों तक पहुंचता है।
पूर्व-बुआई एक तय क्रमश: पोलिनेटेशन, स्तूल, गर्भधारिणी, अंडकोणिया, और पुरुष लैंगिक अंग, का समृद्धिपूर्ण प्रक्रिया है जो बीजनाशकों की बुआई की ओर बढ़ती है।
1.पोलेन बुआई (Pollen Tube Formation): पहले चरण में, पोलेन ग्रेन, जो पोलिनेटेड होते हैं, स्तूल से गुजरते हैं और एक पोलेन ट्यूब बनाते हैं जो गर्भधारिणी तक पहुंचता है।
2.पहली बुआई (First Fertilisation): पोलेन ट्यूब गर्भधारिणी में पहुंचता है और एक स्त्री लैंगिक अंग के साथ मिलता है। इस प्रक्रिया को पहली बुआई कहा जाता है और इससे स्थायी बीजनाशक बनता है।
3.दूसरी बुआई (Second Fertilisation): स्त्री लैंगिक अंग में, पहली बुआई के बाद, एक और पोलेन नाना अंडकोणियों के साथ मिलता है। इसे दूसरी बुआई कहा जाता है और इससे उपजाऊ बीजनाशक बनता है।
1.बीजनाशक (Seed Development): बुआई के बाद, गर्भधारिणी में बने बीजनाशक का विकास होता है। यह बीज की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और नए पौधों के लिए एक सुरक्षित और सुरक्षित आवास प्रदान करता है।
2.परिमाणिक विकास (Maturation): बीजनाशकों का पूरा होने के बाद, वे परिमाणिक विकास करते हैं, जिसमें वे आकार, रंग, और संरचना में परिवर्तन होते हैं।
3.जैविक बीज संरचना (Biological Seed Structure): बीज की संरचना में एक बदलाव होता है, जिसमें बीज की बाहरी कवर को कोटिकल और अंदर की लकड़ी जैसी स्तर को एन्डोस्पर्म कहा जाता है।
4.बीज रक्षा (Seed Protection): बीज में एक विशेष परत होती है जिससे वह अनुक्रमित गतिविधियों और वातावरणीय परिस्थितियों से सुरक्षित रहता है।
5.बीज वितरण (Seed Dispersal): पोस्ट-बुआई के चरण में, बीजनाशक विभिन्न तरीकों से वितरित होते हैं ताकि वे नए स्थानों पर पौधों की नींव बना सकें।
पोस्ट-बुआई प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण चरण है जो पौधों के जीवन को समर्थन करता है और उन्हें विभिन्न वातावरणीय स्थानों में पूरी तरह से स्थापित करने में मदद करता है।
👉एपोमिक्सिस और पॉलीएम्ब्रायन:
1.एपोमिक्सिस (Apomixis): एपोमिक्सिस एक पौधिक प्रजनन प्रक्रिया है जिसमें बीजनाशक बिना बुआई के उत्पन्न होते हैं। इसमें नए पौधों की नींव बनाई जाती है जो माता पौधे की गुणवत्ता की एक स्वारूपी नकल होती है। यह प्रक्रिया नैतिक विविधता की संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि नए पौधे अपने माता पौधे की रूपरेखा को बनाए रखते हैं।
2.पॉलीएम्ब्रायन (Polyembryony): पॉलीएम्ब्रायन में, एक ही बीजनाशक से एक से अधिक पौधे उत्पन्न होते हैं। यहां, बीजनाशक बिना बुआई के विकसित होते हैं और इससे कई संबंधित पौधे उत्पन्न होते हैं, जिनमें से प्रत्येक एक नये पौधे की नींव होती है।
पॉलीएम्ब्रायन विभिन्न पौधिक प्रजातियों में देखी जा सकती है और यह पौधों की त्वरित वृद्धि और पुनर्निर्माण में मदद कर सकती है।
एपोमिक्सिस और पॉलीएम्ब्रायन, प्रजनन की विभिन्न रूपों को प्रदर्शित करने वाली प्रक्रियाएं हैं, जो पौधों में नई पौधिक पीढ़ियों की उत्पत्ति को संभालने में मदद करती हैं।