अस्थमा{ASTHMA}
प्रकार{TYPES}
1.अलर्जिक आस्थमा (Allergic Asthma): इस प्रकार का आस्थमा व्यक्ति के शरीर को किसी विशेष एलर्जन के प्रति प्रतिक्रिया के कारण होता है। प्रदूषण, पारे, धूल अथवा किसी खाद्य सामग्री के संपर्क से यह हो सकता है।
2.अस्थमा ब्रोंकाइल (Bronchial Asthma): यह आस्थमा का सामान्य प्रकार है जिसमें श्वास की नलिकाओं में सूजन होती है और सांस लेने में कठिनाई होती है।
3.अस्थमा कार्डिएओमायोपैथिक (Cardiac Asthma): इसे हृदय रोग से संबंधित आस्थमा भी कहा जाता है, जिसमें हृदय रोगों के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
4.अभ्यंतरीय आस्थमा (Intrinsic Asthma): इस प्रकार का आस्थमा बाह्य कारणों की बजाय शारीरिक प्रक्रियाओं के कारण होता है, जैसे कि थकान, तनाव या रोगों के कारण।
5.समीक्षात्मक आस्थमा (Exercise-Induced Asthma): इस प्रकार का आस्थमा शारीरिक क्रियाओं, जैसे कि व्यायाम, के बाद हो सकता है।
अस्थमा: कारण{Asthma: Causes,}
1.आलर्जीज़ (Allergies): अलर्जीज़, जैसे कि प्रदूषण, कीटाणु, पेट की समस्याएं या खाने में किसी खास पदार्थ के प्रति अतिसंवेदनशीलता, आस्थमा के कारण हो सकती हैं।
2.जीवाणु और संवेदनशीलता (Infections and Sensitivities): श्वासनाली के किसी भी भाग में संक्रमण या संवेदनशीलता आस्थमा का कारण बन सकते हैं।
3.प्रदूषण और धूल (Pollution and Dust): वायु प्रदूषण, धूल अथवा कुछ अन्य कीटाणु आस्थमा को बढ़ा सकते हैं।
4.संवासिनों (Occupational Exposures): कुछ विशेष व्यावसायिक आवश्यकताओं का सामना करने वाले लोगों को अपने काम के कारण आस्थमा हो सकता है, जैसे कि केमिकल उद्योग, कच्चे तेल का संयंत्र, इत्यादि।
5.योग्यता से संबंधित आस्थमा (Exercise-Induced Asthma): कुछ लोगों को व्यायाम के दौरान आस्थमा हो सकता है।
6.धरोहर (Genetics): परिवार में आस्थमा के कारण होने पर व्यक्ति को भी आस्थमा हो सकता है, क्योंकि यह एक आनुवांछिक रोग हो सकता है।
7.रुकावटें (Obstruction): श्वासनाली में किसी रुकावट, जैसे कि श्वासनाली की नलिकाओं में सूजन, आस्थमा का कारण बन सकती हैं।
अस्थमा: लक्षण {ASTHMA Symptoms
1.सांस लेने में कठिनाई (दमा): यह आस्थमा का सबसे सामान्य और प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है और वह दमा की तरह फूफड़ों को भरने में मुश्किल महसूस कर सकता है।
2.छींकें और खांसी: अधिकांश आस्थमा रोगी छींकते हैं और खांसते हैं, जो अक्सर रात को बढ़ जाती हैं।
3.छाती में दर्द और तनाव: आस्थमा के समय व्यक्ति की छाती में दर्द हो सकता है और उन्हें तनाव महसूस हो सकता है।
4.श्वास की गड़बड़ी: व्यक्ति अपने श्वास को सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा मेहनत कर सकता है और श्वास लेने में अनियमितता महसूस कर सकता है।
5.बुढ़ापे का असमर्थन: बच्चों और बुढ़ापे के लोगों को आस्थमा हो सकता है, और वे विशेष रूप से श्वास लेने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं।
6.रात को उठकर श्वास की समस्या: बहुत बार आस्थमा रोगियों को रात को उठकर श्वास की समस्या हो सकती है, जिससे उन्हें नींद की परेशानी हो सकती है।
7.चक्कर आना और थकान: अगर व्यक्ति को श्वासनली के प्रति सही ऑक्सीजन पहुंचने में कठिनाई होती है, तो वह थक जाता है और चक्कर आ सकते हैं।
अस्थमा: निदान { asthma Diagnosis}
1.सांस लेने में कठिनाई (दमा): यह आस्थमा का सबसे सामान्य और प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है और वह दमा की तरह फूफड़ों को भरने में मुश्किल महसूस कर सकता है।
2.छींकें और खांसी: अधिकांश आस्थमा रोगी छींकते हैं और खांसते हैं, जो अक्सर रात को बढ़ जाती हैं।
3.छाती में दर्द और तनाव: आस्थमा के समय व्यक्ति की छाती में दर्द हो सकता है और उन्हें तनाव महसूस हो सकता है।
4.श्वास की गड़बड़ी: व्यक्ति अपने श्वास को सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा मेहनत कर सकता है और श्वास लेने में अनियमितता महसूस कर सकता है।
5.बुढ़ापे का असमर्थन: बच्चों और बुढ़ापे के लोगों को आस्थमा हो सकता है, और वे विशेष रूप से श्वास लेने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं।
6.रात को उठकर श्वास की समस्या: बहुत बार आस्थमा रोगियों को रात को उठकर श्वास की समस्या हो सकती है, जिससे उन्हें नींद की परेशानी हो सकती है।
7.चक्कर आना और थकान: अगर व्यक्ति को श्वासनली के प्रति सही ऑक्सीजन पहुंचने में कठिनाई होती है, तो वह थक जाता है और चक्कर आ सकते हैं।
अस्थमा: उपचार {asthma Treatment }
आस्थमा का उपचार व्यक्ति के लक्षणों और उसके स्तर के आधार पर किया जाता है। यहां कुछ मुख्य उपाय हैं जो आस्थमा के इलाज में सम्मिलित किए जा सकते हैं:
1.ध्यानपूर्वक श्वासन प्रशिक्षण (Breathing Exercises): योगासन और प्राणायाम के माध्यम से श्वासन प्रशिक्षण लेना आस्थमा के रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है।
2.दवाओं का उपयोग: दवाओं का सही तरीके से उपयोग करना आस्थमा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इनमें ब्रॉन्कोडायलेटर्स, स्टेरॉयड्स, और अन्य विभिन्न तरीकों की दवाएं शामिल हो सकती हैं।
3.अलर्जी नियंत्रण: यदि आस्थमा के कारण अलर्जी हो, तो अलर्जी को नियंत्रित करने के लिए उपायों का अनुसरण करना महत्वपूर्ण है।
4.नेबुलाइज़र का उपयोग: नेबुलाइज़र एक डिवाइस है जो दवाओं को धुआं के रूप में इन्हेल करने में मदद करता है, जिससे त्वचा के माध्यम से दवाओं का अच्छा प्रभाव हो सकता है।
5.स्थिर रोजगार: कई बार आस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली के साथ स्थिर रोजगार करना भी फायदेमंद हो सकता है।
6.वैक्सीनेशन: कई बार जिन लोगों को आस्थमा हो, उन्हें संक्रमणों से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की सलाह दी जाती है।
7.चिकित्सक से नियमित चेकअप: आस्थमा रोगी को नियमित अंतरालों में चिकित्सक से मिलकर अपने स्वास्थ्य का सामंजस्यपूर्ण रूप से ट्रैक करना चाहिए।
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