Avian influenza
एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे पक्षियों की बुखार भी कहा जाता है, एक पक्षियों में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस होता है, जो विभिन्न प्रकार के पक्षियों में संक्रमित हो सकता है। यह वायरस सामान्यत: लगभग सभी पक्षियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन कुछ प्रजातियाँ इससे अधिक प्रभावित होती हैं।
एवियन इन्फ्लूएंजा का प्रसार पक्षियों के बीच संपर्क के माध्यम से हो सकता है, और इसमें विभिन्न समयों पर वायरस के विभिन्न स्ट्रेन्स शामिल हो सकते हैं। यह बीमारी विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकती है, जैसे कि उच्च असमय ड्रप सिंड्रोम (H5N1) और उच्च असमय ड्रप सिंड्रोम (H7N9)।
इस बीमारी के लक्षण मुख्यतः श्वास तंतु क्षेत्र में संशोधन, बुखार, गले में दर्द, खांसी और बेहद अस्वस्थता शामिल हो सकते हैं। इसका इलाज अधिकतम मामूली रूप से बीमारियों को नियंत्रित करने और फैलाव को रोकने के लिए किया जाता है। लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि इस बीमारी का मामूली रूप से प्रसार न हो सके, जैसे कि संदिग्ध स्थानों पर यात्रा करते समय और पक्षियों के संपर्क से बचाव के लिए
मुर्गा और मुर्गी, जिन्हें हिंदी में "चिकन बर्ड्स" कहा जाता है, वे दोनों ही भारतीय भोजन में लोकप्रिय पशुपक्षियों में से हैं। मुर्गा नर मुर्गी की मादा होती है, और इनका मिलना बन्धन और उत्पादन के लिए किया जाता है। इन्हें अक्सर खाद्यान्न, मांस, और अंडे के लिए पालतू पशु के रूप में पाला जाता है।
मुर्गा और मुर्गी का पालन, उचित पोषण, सुरक्षित रहने वाले आवास, और अच्छे स्वच्छता की देखभाल के साथ किया जाता है ताकि वे स्वस्थ रहें और अच्छी गुणवत्ता के उत्पादों को बना सकें। मुर्गा और मुर्गी का उत्पाद विभिन्न रूपों में हो सकता है, जैसे कि मांस, अंडे, और अन्य संबंधित उत्पाद।
इन्हें अपने उत्पादों के लिए प्रसिद्धता मिलती है और ये विभिन्न भोजन पदार्थों का महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं, खासकर भारतीय रसोईघरों में।